इस प्रश्न से आजकल बहुत से युवा जूझ रहे हैं। एक तरफ़ा प्यार या फ़िर बेवफाई या ब्रेकअप से बहुत लोगों का केवल दिल नहीं टूटता, बल्की वो लोग खुद भी टूट जाते हैं।
“ये इश्क़ नहीं आसान बस इतना समझ लीजिये,
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है।
जब इश्क़ मे टूटे हुए दिल के दौर से आप गुजर रहे हों, तो आप निम्न में से किसी एक मार्ग पे चल सकते हैं:
१. वहशत- ए- दिल को अपनी जिंदगी बना लेना। वहशत, अर्थात् एक पागलपन या मानसिक विक्षिप्त होने की अवस्था है। इस अवस्था में आपके लिए दुनिया का कोई मतलब नहीं रह जाता है। आपकी दुनिया एक मात्र वो है, जिसको आप प्यार करते हैं। आप उसी के ख्यालों में डूबे रहते हैं। दुनिया आप पर हँसती है तो हंसती रहे, आपके लिए इसका कोई मायने नहीं होता। आपकी सोच होती है, ' अगर तुम नहीं हो तो कुछ भी नहीं है’। ऐसे व्यक्तियों का जन्म ही इस वहशत में ही जीने के लिए होता है। जैसे मीरा, भगवान कृष्ण के प्यार में जीवन जीती है। हीर-राँझा, लैैला-मजनू ये भी इसमें आते हैं। हीर की दरगाह भी लोग इसलिए जाते हैं कि वो लोग भी सोचते हैं, काश उनकी प्रेमिका हीर जैसी हो या उनका प्रेमी राँझा जैसा हो। बॉलीवुड का उदाहरण ले तो सुरैया और देव आनंद साहब, देव आनंद साहब शादी करके अपनी जिंदगी जीने लगे लेकिन सुरैया ने कभी शादी नहीं की। अभिनेत्री तब्बू जी का भी नाम ले सकते हैं, उन्हें भी अभिनेता नागार्जुन से प्यार है पर उनकी शादी नहीं हुई और अब तो नागार्जुन के बेटे की भी शादी हो चुकी है। ये लोग भी हमारे समाज मे होते हैं।
२. आप एक अल्गोरिथम् बना सकते हैं, कि क्या क्या संभावनाएं हैं, उन्हें पाने की। जैसे आजकल अधिकतर cases में एक अच्छा career या wealth भी आपको, आपका प्यार दिला सकता है। रुको नहीं जूझ जाओ।
३. सन्यास: बहुत से लोग प्यार में असफल हो जाने के बाद सन्यास में भी चले जाते हैं। जैसे अभिनेत्री लारा दत्ता के साथ नौ साल तक प्यार के रिश्ते में केली डोरजी रहे। केली डोरेजी भी एक अभिनेता था, don no 1 और बद्रीनाथ जैसे superhit movie के main villain हैं। लारा दत्ता तो दूसरे से शादी करके जीवन जीने लगी। कैली दोरजी अब एक बौद्ध सन्यासी हैं।
४. एक तरफ़ा प्यार और दिल टूट जाना भी बहुत बड़ी समस्या है। ऐसा क्यूँ होता है, इसके लिएआपको एक कहानी सुनाता हूँ(मानो या ना मानो): एक क्षत्रिय राजा का पुत्र था जिसकी राज पाठ के काम में कोई रुचि नहीं थी। उसका एक लड़की से प्रेम था। दोनो ने शादी कर ली। बहुत दिनों वो साथ रहे, लेकिन लड़का का मन हमेशा परेशान रहता है। अनेकों परिस्थितियाँ ऐसी निर्मित हुई की वो सत्य की खोज मे घर छोंड़ कर चला गया। उसने सत्य प्राप्ति के लिए बहुत संघर्ष किया और अन्ततः उसे अपने उस मार्ग में उपलब्धि मिल गई। इधर उसकी पत्नी ने अपने पति के वियोग मे अपना जीवन खपा दिया। जब वो मृत्यु की अवस्था में थी, तो वो बार बार सोच रही थी, मैंने बहुत गलत इंसान से शादी की और उसकी उस नफरत की अवस्था में ही मृत्यु हो गयी। इधर उसके पति को जब सत्य का ज्ञान हुआ तो उसे ये एहसास हुआ कि उसने अपनी पत्नी को छोंडकर बहुत गलती कर दी। वो सत्य को गृहस्थ में रहते हुए भी पा सकता था। उसके मन में पछतावा था, वो उसकी भरपाई करना चाहता था और उसे मृत्यु के बाद मोक्ष नहीं मिला। दोनों का अगला जन्म हुआ। इस जन्म में जब लड़का का सामना उस लड़की से हुआ, वो उसके प्यार में पड़ गया। उसके आँगे पीछे घूमता रहा। ऐसा वो कयी सालों तक करता रहा। लेकिन लड़की ने उसको स्वीकार नहीं किया। ये पिछले जन्म का कर्मों का हिसाब था। उस लड़की को अपने पिछले जनम का बदला जो लेना था और उन्हे पिछले जन्म का ज्ञान भी नहीं। हमें जो मिल रहा है, वो हमारे कर्मों का ही जोड़ है। हर कोई व्यक्ति इस बात को माने या ना माने, ये उस पर है। लेकिन आप सब अपना पिछला जन्म नहीं देख सकते।
इस field में कोई भी समस्या हो, कुछ नकरात्मक बातें आपके दिमाग में आती हैं: मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी, मैनें गलत इंसान से प्यार किया, मैं उस व्यक्ति से बदला कैसे लूँ आदि आदि। अगर आप इस टूटे हुए दिल की अवस्था से जूझ रहे हैं, तो इस अवस्था से निकलने का सबसे बेहतरीन उपाय है, अपने आप को माफ कर दें अगर अपने को दोषी मानते हैं। अगर आपको लगता है कि सामने वाला दोषी है तो उस व्यक्ति को भी माफ कर दो। ये मत सोचो कि उसने आपको कितना hurt किया, अब बस उसे माफ कर दो। इससे बढ़कर कोई दुसरा उपाय नहीं है। आपके हाँथ में प्यार और नफ़रत दोनो है, आप केवल प्यार करो।
द्वारा
लवलेश गौतम
“ये इश्क़ नहीं आसान बस इतना समझ लीजिये,
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है।
जब इश्क़ मे टूटे हुए दिल के दौर से आप गुजर रहे हों, तो आप निम्न में से किसी एक मार्ग पे चल सकते हैं:
१. वहशत- ए- दिल को अपनी जिंदगी बना लेना। वहशत, अर्थात् एक पागलपन या मानसिक विक्षिप्त होने की अवस्था है। इस अवस्था में आपके लिए दुनिया का कोई मतलब नहीं रह जाता है। आपकी दुनिया एक मात्र वो है, जिसको आप प्यार करते हैं। आप उसी के ख्यालों में डूबे रहते हैं। दुनिया आप पर हँसती है तो हंसती रहे, आपके लिए इसका कोई मायने नहीं होता। आपकी सोच होती है, ' अगर तुम नहीं हो तो कुछ भी नहीं है’। ऐसे व्यक्तियों का जन्म ही इस वहशत में ही जीने के लिए होता है। जैसे मीरा, भगवान कृष्ण के प्यार में जीवन जीती है। हीर-राँझा, लैैला-मजनू ये भी इसमें आते हैं। हीर की दरगाह भी लोग इसलिए जाते हैं कि वो लोग भी सोचते हैं, काश उनकी प्रेमिका हीर जैसी हो या उनका प्रेमी राँझा जैसा हो। बॉलीवुड का उदाहरण ले तो सुरैया और देव आनंद साहब, देव आनंद साहब शादी करके अपनी जिंदगी जीने लगे लेकिन सुरैया ने कभी शादी नहीं की। अभिनेत्री तब्बू जी का भी नाम ले सकते हैं, उन्हें भी अभिनेता नागार्जुन से प्यार है पर उनकी शादी नहीं हुई और अब तो नागार्जुन के बेटे की भी शादी हो चुकी है। ये लोग भी हमारे समाज मे होते हैं।
२. आप एक अल्गोरिथम् बना सकते हैं, कि क्या क्या संभावनाएं हैं, उन्हें पाने की। जैसे आजकल अधिकतर cases में एक अच्छा career या wealth भी आपको, आपका प्यार दिला सकता है। रुको नहीं जूझ जाओ।
३. सन्यास: बहुत से लोग प्यार में असफल हो जाने के बाद सन्यास में भी चले जाते हैं। जैसे अभिनेत्री लारा दत्ता के साथ नौ साल तक प्यार के रिश्ते में केली डोरजी रहे। केली डोरेजी भी एक अभिनेता था, don no 1 और बद्रीनाथ जैसे superhit movie के main villain हैं। लारा दत्ता तो दूसरे से शादी करके जीवन जीने लगी। कैली दोरजी अब एक बौद्ध सन्यासी हैं।
४. एक तरफ़ा प्यार और दिल टूट जाना भी बहुत बड़ी समस्या है। ऐसा क्यूँ होता है, इसके लिएआपको एक कहानी सुनाता हूँ(मानो या ना मानो): एक क्षत्रिय राजा का पुत्र था जिसकी राज पाठ के काम में कोई रुचि नहीं थी। उसका एक लड़की से प्रेम था। दोनो ने शादी कर ली। बहुत दिनों वो साथ रहे, लेकिन लड़का का मन हमेशा परेशान रहता है। अनेकों परिस्थितियाँ ऐसी निर्मित हुई की वो सत्य की खोज मे घर छोंड़ कर चला गया। उसने सत्य प्राप्ति के लिए बहुत संघर्ष किया और अन्ततः उसे अपने उस मार्ग में उपलब्धि मिल गई। इधर उसकी पत्नी ने अपने पति के वियोग मे अपना जीवन खपा दिया। जब वो मृत्यु की अवस्था में थी, तो वो बार बार सोच रही थी, मैंने बहुत गलत इंसान से शादी की और उसकी उस नफरत की अवस्था में ही मृत्यु हो गयी। इधर उसके पति को जब सत्य का ज्ञान हुआ तो उसे ये एहसास हुआ कि उसने अपनी पत्नी को छोंडकर बहुत गलती कर दी। वो सत्य को गृहस्थ में रहते हुए भी पा सकता था। उसके मन में पछतावा था, वो उसकी भरपाई करना चाहता था और उसे मृत्यु के बाद मोक्ष नहीं मिला। दोनों का अगला जन्म हुआ। इस जन्म में जब लड़का का सामना उस लड़की से हुआ, वो उसके प्यार में पड़ गया। उसके आँगे पीछे घूमता रहा। ऐसा वो कयी सालों तक करता रहा। लेकिन लड़की ने उसको स्वीकार नहीं किया। ये पिछले जन्म का कर्मों का हिसाब था। उस लड़की को अपने पिछले जनम का बदला जो लेना था और उन्हे पिछले जन्म का ज्ञान भी नहीं। हमें जो मिल रहा है, वो हमारे कर्मों का ही जोड़ है। हर कोई व्यक्ति इस बात को माने या ना माने, ये उस पर है। लेकिन आप सब अपना पिछला जन्म नहीं देख सकते।
इस field में कोई भी समस्या हो, कुछ नकरात्मक बातें आपके दिमाग में आती हैं: मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी, मैनें गलत इंसान से प्यार किया, मैं उस व्यक्ति से बदला कैसे लूँ आदि आदि। अगर आप इस टूटे हुए दिल की अवस्था से जूझ रहे हैं, तो इस अवस्था से निकलने का सबसे बेहतरीन उपाय है, अपने आप को माफ कर दें अगर अपने को दोषी मानते हैं। अगर आपको लगता है कि सामने वाला दोषी है तो उस व्यक्ति को भी माफ कर दो। ये मत सोचो कि उसने आपको कितना hurt किया, अब बस उसे माफ कर दो। इससे बढ़कर कोई दुसरा उपाय नहीं है। आपके हाँथ में प्यार और नफ़रत दोनो है, आप केवल प्यार करो।
द्वारा
लवलेश गौतम
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