बहुत ही अच्छा प्रश्न है। लेकिन इस प्रश्न के उत्तर अलग अलग शास्त्रों को पढ़ कर बने ज्ञानी अलग अलग देंगे। आप भ्रमित हो जायेंगे की सत्य क्या है। साधारणतः जन्म मृत्यु को प्राप्त होने वाले मनुष्य भगवान को भी अपने जैसा जन्मने और मरने वाला समझ लेते हैं। इससे बड़ा भ्रम क्या हो सकता है।
जन्म मृत्यु उसकी होती है, जो समय से बंधा है और उसके co ordinates मे यात्रा कर रहा है। भगवान समय के स्वामी हैं, उन्होंने इसे वैसे ही बनाया है जैसे वैज्ञानिक एक रोबोट मशीन बनाकर उससेे काम लेते हैं। समय, भगवान का एक स्वामी भक्त गुलाम है। इसलिए समय मे भगवान को समाप्त करने की शक्ति नहीं होती है। भगवान को महाकाल, महाकालेश्वर ऐसे ही नहीं कहा जाता। भले ही आपको कहीं पढ़ने या सुनने को मिले की भगवान की जन्म मृत्यु होती है तो आपको विश्वास नहीं करना चाहिए।
हाँ लेकिन आपको भगवान वेद व्यास स्वयं ही सामने आकर कहें तो आप विश्वास कर सकते हैं, क्योंकि वो भी समय से अपने को मुक्त कर चुके हैं, इसलिए वो किसी के सामने आकर किसी को भी ज्ञान देने मे समर्थ हैं।
द्वारा
लवलेश गौतम
जन्म मृत्यु उसकी होती है, जो समय से बंधा है और उसके co ordinates मे यात्रा कर रहा है। भगवान समय के स्वामी हैं, उन्होंने इसे वैसे ही बनाया है जैसे वैज्ञानिक एक रोबोट मशीन बनाकर उससेे काम लेते हैं। समय, भगवान का एक स्वामी भक्त गुलाम है। इसलिए समय मे भगवान को समाप्त करने की शक्ति नहीं होती है। भगवान को महाकाल, महाकालेश्वर ऐसे ही नहीं कहा जाता। भले ही आपको कहीं पढ़ने या सुनने को मिले की भगवान की जन्म मृत्यु होती है तो आपको विश्वास नहीं करना चाहिए।
हाँ लेकिन आपको भगवान वेद व्यास स्वयं ही सामने आकर कहें तो आप विश्वास कर सकते हैं, क्योंकि वो भी समय से अपने को मुक्त कर चुके हैं, इसलिए वो किसी के सामने आकर किसी को भी ज्ञान देने मे समर्थ हैं।
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लवलेश गौतम
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