फूल जितनी खामोशी से तथा खूबी से हमारे संदेशवाहक की भूमिका निभाते हैं, कोई व्यक्ति क्या निभायेगा. हमारी भावनाओं के पक्के राजदार होकर भी ये न तो कोई प्रतिफल चाहते हैं, न पारिश्रमिक. बस इतना ध्यान रहे कि किस अवसर के लिए कौन-सा फूल सर्वाधिक मौजूं हो सकता है.
फूल तुम्हें भेजा है खत में...एक फूल भेज कर आप अपने दिल की बात कह सकते हैं. पर यह जरूर जान लीजिए कौन सा फूल क्या संदेश देगा...
यदि पीला गुलाब हो तो मामला बदल जाता है. यानी पीले गुलाब का संदेश होगा- ‘ मैं आपसे ईष्या करता हूं.’ सफेद गुलाब जहां मासूमियत और पवित्रता का प्रतीक है.
कॉर्निश: दोहरी पंखुड़ियों वाला मखमली गेंद जैसा नर्म-नाजुक और हसीन फूल कई रंगों में खिलखिलाता है. इसका हर रंग अलग पैगाम देता है.
जैसे .......लाल कॉर्नेश बताता है- ‘मेरे मन में आपका दर्द बसा है!’
गुलाबी कॉर्निश का पैगाम है- ‘ हम आपको कभी नहीं भूलेंगे.’
सफेद कॉर्निश कहता है- ‘सुंदर एवं मधुर भावनाएं.’
पीले कॉर्निश का अर्थ है- ‘आपने मुझे निराश किया,
सामान्य कॉर्निश -‘सुख की अनुभूति’ प्रकट करता है.
डेजी : यह फूल हल्का गुलाबी भी होता है, सफेद भी और चटख सुर्ख भी. बीच से जरा खमदार इसकी लंबी-सुकोमल पंखुड़ियां किसी तन्वंगी नृत्यागंना की नाजुक उंगलियों जैसी महसूस होती हैं. रंग आप जो भी पसंद करें, पैगाम इसका एक ही है और वह है- ‘मासूमियत’
ट्यूलिप : कई रंगों और आकार के ये बड़े सु कोमल फूल होते हैं. रंगों की तरह इनके संदेश भी अलग-अलग माने गये हैं. ट्यूलिप के फूल भेंट करते समय इनके रंग और अपने पैगाम को ठीक से देख लें. लाल रंग के ट्यूलिप का पैगाम है- ‘मेरा विश्वास कीजिए.’
बहुरंगे ट्यूलिप का अर्थ है- ‘आपकी आंखें बहुत सुंदर हैं.’
सामान्य रंग का ट्यूलिप कहता है-‘हृदय का संपूर्ण प्रेम अर्पित.’
बनफशा: नम जमीन पर फैलने वाले छोटे-छोटे पौधों में गहरे नीले रंग के नाजुक फूल यूनानी दवाओं में काम आते हैं किन्तु अपनी कोमल भावनाओं को दर्शाने का महत्वपूर्ण कार्य भी करते हैं. जब भी कोई यह फूल किसी को भेंट करे तो इसका अर्थ है कि फूल देने वाला कहना चाह रहा है- ‘आप हमेशा चिर युवा और हसीन रहें.’
मिसेल्टो: नन्हे-नन्हे गुच्छों जैसे खुशनुमा फूल अपनी रहस्यमयी मुस्कान बिखेरते हैं. इनका पैगाम मुंह से क्या बताएं. किसी को इसे भेंट करके देखिए. इसका जितना नाजुक पैगाम है, उतना ही गोपनीय और मचलता हुआ भी है. यह पैगाम है- ‘चुंबन की आकांक्षा.’ कोई एकदम अपने मुंह से जो नहीं कह सकता, मिसेल्टो के फूल वह काम कर दिखाते हैं.
इवी : अंगूर की बेल के समान इसकी पत्तियां बहुत ही सुंदर होती हैं. इवी का फूल तीन प्रकार के अवसर के अनुकूल पैगाम पहुं चाता है. भेंट करने से पूर्व देख लें, कैसा अवसर है और क्या कहना है. इसका पहला संदेश है- दाम्पत्य प्रेम. बाकी दो संदेशों में विश्वसनीयता और दूसरा है- वफादारी.
हाली : यहां चर्चा इस नाम के भारतीय त्योहार की नहीं, विदेशी फूल की है. अंग्रेजी शब्द ‘हाली’ का जैसा अर्थ है यानी पवित्र, पाकीजा. वैसा ही इसका संदेश भी है.
यह पाक-साफ पैगाम लगभग वही है जो इवी का है अर्थात ‘घरेलू आह्लाद की कामना.’ रोचक और प्रेरक बात यह है कि इसकी पत्तियां कांटेदार होती हैं. उन नुकीली पत्तियों के बीच कई रंगों में यह खिलता है और कैसा उत्तम संदेश देता है.
पिटुनिया : इसकी पंखुड़ियों पर शेड्स होते हैं, जो इसकी सुंदरता बढ़ाते हैं. फूल तो यह नाजुक होता है, पर इसका पैगाम बड़ा सख्त है- प्रतिशोध या क्रोध.
मेरी गोल्ड : जो अंग्रेजी नाम से अनभिज्ञ हों, उनके लिए यह वही फूल है जिससे सभी भलीभांति परिचित हैं. यह है- गेंदा. गेंदा की कई किस्में हैं और यह गहरे पीले, वसंती, नारंगी, कत्थई रंग के मखमली फूल होते हैं. इकहरी पंखुड़ियों वाला भी होता है और सैकड़ों पंखुड़ियों वाला यानी हजारा भी. गेंदे के फूल चाहे जिस रंग और किस्म के हों, इनका संदेश जरा भी अच्छा नहीं है. गेंदे के फूलों का प्रतीकार्थ है- क्रूरता, निर्दयता. कुछ भी अच्छा संदेश न देने वाले इस फूल का हमारे यहां हर मामले में सबसे अधिक प्रचलन है.
जल कुंभी : हल्के बैंगनी यानी वॉयलेट या नीले रंग में खिलने वाला यह जलीय फूल होता है. गहरे हरे रंग के रबर के पौधे जैसे सख्त चौड़े पत्ते के बीच जब ये किसी जलाशय में सैकड़ों की संख्या में खिलते हैं तो अच्छे लगते हैं. किन्तु हमारी दुआ है कि कभी किसी को जलकुंभी के फूल भेजने की नौबत नहीं आए, क्योंकि इनके भाव में छिपा है- अफसोस और अवसाद के भाव. इस फूल का संदेश है- ‘क्षमा करें, मुझे भूल जाएं.’
आर्किड : इसका पौध दो-ढाई फुट ऊंचा होता है. पत्तियां बारीक होती हैं. फूल कई रंग के आते हैं. आर्किड के फूल भेंट करना यह पैगाम पहुंचाना है- ‘प्रेम एवं सौन्दर्य की कामना है.|
फूल तुम्हें भेजा है खत में...एक फूल भेज कर आप अपने दिल की बात कह सकते हैं. पर यह जरूर जान लीजिए कौन सा फूल क्या संदेश देगा...
यदि पीला गुलाब हो तो मामला बदल जाता है. यानी पीले गुलाब का संदेश होगा- ‘ मैं आपसे ईष्या करता हूं.’ सफेद गुलाब जहां मासूमियत और पवित्रता का प्रतीक है.
कॉर्निश: दोहरी पंखुड़ियों वाला मखमली गेंद जैसा नर्म-नाजुक और हसीन फूल कई रंगों में खिलखिलाता है. इसका हर रंग अलग पैगाम देता है.
जैसे .......लाल कॉर्नेश बताता है- ‘मेरे मन में आपका दर्द बसा है!’
गुलाबी कॉर्निश का पैगाम है- ‘ हम आपको कभी नहीं भूलेंगे.’
सफेद कॉर्निश कहता है- ‘सुंदर एवं मधुर भावनाएं.’
पीले कॉर्निश का अर्थ है- ‘आपने मुझे निराश किया,
सामान्य कॉर्निश -‘सुख की अनुभूति’ प्रकट करता है.
डेजी : यह फूल हल्का गुलाबी भी होता है, सफेद भी और चटख सुर्ख भी. बीच से जरा खमदार इसकी लंबी-सुकोमल पंखुड़ियां किसी तन्वंगी नृत्यागंना की नाजुक उंगलियों जैसी महसूस होती हैं. रंग आप जो भी पसंद करें, पैगाम इसका एक ही है और वह है- ‘मासूमियत’
ट्यूलिप : कई रंगों और आकार के ये बड़े सु कोमल फूल होते हैं. रंगों की तरह इनके संदेश भी अलग-अलग माने गये हैं. ट्यूलिप के फूल भेंट करते समय इनके रंग और अपने पैगाम को ठीक से देख लें. लाल रंग के ट्यूलिप का पैगाम है- ‘मेरा विश्वास कीजिए.’
बहुरंगे ट्यूलिप का अर्थ है- ‘आपकी आंखें बहुत सुंदर हैं.’
सामान्य रंग का ट्यूलिप कहता है-‘हृदय का संपूर्ण प्रेम अर्पित.’
बनफशा: नम जमीन पर फैलने वाले छोटे-छोटे पौधों में गहरे नीले रंग के नाजुक फूल यूनानी दवाओं में काम आते हैं किन्तु अपनी कोमल भावनाओं को दर्शाने का महत्वपूर्ण कार्य भी करते हैं. जब भी कोई यह फूल किसी को भेंट करे तो इसका अर्थ है कि फूल देने वाला कहना चाह रहा है- ‘आप हमेशा चिर युवा और हसीन रहें.’
मिसेल्टो: नन्हे-नन्हे गुच्छों जैसे खुशनुमा फूल अपनी रहस्यमयी मुस्कान बिखेरते हैं. इनका पैगाम मुंह से क्या बताएं. किसी को इसे भेंट करके देखिए. इसका जितना नाजुक पैगाम है, उतना ही गोपनीय और मचलता हुआ भी है. यह पैगाम है- ‘चुंबन की आकांक्षा.’ कोई एकदम अपने मुंह से जो नहीं कह सकता, मिसेल्टो के फूल वह काम कर दिखाते हैं.
इवी : अंगूर की बेल के समान इसकी पत्तियां बहुत ही सुंदर होती हैं. इवी का फूल तीन प्रकार के अवसर के अनुकूल पैगाम पहुं चाता है. भेंट करने से पूर्व देख लें, कैसा अवसर है और क्या कहना है. इसका पहला संदेश है- दाम्पत्य प्रेम. बाकी दो संदेशों में विश्वसनीयता और दूसरा है- वफादारी.
हाली : यहां चर्चा इस नाम के भारतीय त्योहार की नहीं, विदेशी फूल की है. अंग्रेजी शब्द ‘हाली’ का जैसा अर्थ है यानी पवित्र, पाकीजा. वैसा ही इसका संदेश भी है.
यह पाक-साफ पैगाम लगभग वही है जो इवी का है अर्थात ‘घरेलू आह्लाद की कामना.’ रोचक और प्रेरक बात यह है कि इसकी पत्तियां कांटेदार होती हैं. उन नुकीली पत्तियों के बीच कई रंगों में यह खिलता है और कैसा उत्तम संदेश देता है.
पिटुनिया : इसकी पंखुड़ियों पर शेड्स होते हैं, जो इसकी सुंदरता बढ़ाते हैं. फूल तो यह नाजुक होता है, पर इसका पैगाम बड़ा सख्त है- प्रतिशोध या क्रोध.
मेरी गोल्ड : जो अंग्रेजी नाम से अनभिज्ञ हों, उनके लिए यह वही फूल है जिससे सभी भलीभांति परिचित हैं. यह है- गेंदा. गेंदा की कई किस्में हैं और यह गहरे पीले, वसंती, नारंगी, कत्थई रंग के मखमली फूल होते हैं. इकहरी पंखुड़ियों वाला भी होता है और सैकड़ों पंखुड़ियों वाला यानी हजारा भी. गेंदे के फूल चाहे जिस रंग और किस्म के हों, इनका संदेश जरा भी अच्छा नहीं है. गेंदे के फूलों का प्रतीकार्थ है- क्रूरता, निर्दयता. कुछ भी अच्छा संदेश न देने वाले इस फूल का हमारे यहां हर मामले में सबसे अधिक प्रचलन है.
जल कुंभी : हल्के बैंगनी यानी वॉयलेट या नीले रंग में खिलने वाला यह जलीय फूल होता है. गहरे हरे रंग के रबर के पौधे जैसे सख्त चौड़े पत्ते के बीच जब ये किसी जलाशय में सैकड़ों की संख्या में खिलते हैं तो अच्छे लगते हैं. किन्तु हमारी दुआ है कि कभी किसी को जलकुंभी के फूल भेजने की नौबत नहीं आए, क्योंकि इनके भाव में छिपा है- अफसोस और अवसाद के भाव. इस फूल का संदेश है- ‘क्षमा करें, मुझे भूल जाएं.’
आर्किड : इसका पौध दो-ढाई फुट ऊंचा होता है. पत्तियां बारीक होती हैं. फूल कई रंग के आते हैं. आर्किड के फूल भेंट करना यह पैगाम पहुंचाना है- ‘प्रेम एवं सौन्दर्य की कामना है.|
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