कन्या वरयते रुपं, माता वित्तं पिता श्रुतम्
बान्धवा: कुलमिच्छन्ति मिष्टान्नमितरेजना: ।।
विवाह के समय
कन्या सुन्दर पती चाहती है|
उसकी माताजी धनवान जमाइ
चाहती है| उसके
पिताजी ज्ञानी जमाइ चाहते है|
तथा उसके
बन्धु अच्छे परिवार से नाता जोडना चाहते है| परन्तु
बाकी सभी लोग केवल
अच्छा खाना चाहते है|
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